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हिंदी भाषा और विकास
- संस्कृत , पाली , प्राकृत , अपभ्रंश में होते हुए हिंदी का विकास हुआ है .
- हिंदी भाषा का उदभव अपभ्रंश के शौरसेनी , अर्धमागधी और मागधी रूपों से हुआ है .
- इतिहास में सबसे पहले नाम आता है पाली का जिसका समय 500ई .पू. से पहली शताब्दी माना गया है .
- इसके पश्चात् पहली शताब्दी से पांचवी शताब्दी तक का समय प्राकृत का रहा
- प्राकृतों से ही विभिन्न क्षेत्रीय अपभ्रंशो का विकास हुआ मोटे तौर पर अपभ्रंश का समय 500 ई. से 1000 ई तक माना गया है .
- आधुनिक आर्यभाषाओं का जन्म अपभ्रंश के विभिन्न क्षेत्रीय रूपों से हुआ है जो इस प्रकार है -
- शौरसेनी - पश्चिमी हिंदी , राजस्थानी , पहाड़ी, गुजरती
- पैशाची - लहंदा , पंजाबी
- ब्राचद - सिन्धी
- महाराष्ट्री - मराठी
- मागधी - बिहारी , बांग्ला , उड़िया, असमिया
- अर्धमागधी - पूर्वी हिंदी .
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