Sunday 9 April 2017

विशेषण

विशेषण 

संज्ञा अथवा सर्वनाम शब्दों की विशेषता (गुण, दोष, संख्या, परिमाण आदि) बताने वाले शब्द ‘विशेषण’ कहलाते हैं।

जैसे - बड़ा, काला, लंबा, दयालु, भारी, सुन्दर, कायर, टेढ़ा-मेढ़ा, एक, दो आदि।


  • विशेषण सार्थक शब्दों के आठ भेदों में एक भेद है।
  • व्याकरण में विशेषण एक विकारी शब्द है।

विशेष्य
                                  जिस संज्ञा अथवा सर्वनाम शब्द की विशेषता बताई जाए वह विशेष्य कहलाता है।
उदाहरण *
  •  स्‍वाती सुन्दर है। इसमें ‘सुन्दर’ विशेषण है और ‘स्‍वाती’ विशेष्य है।    
。विशेषण शब्द विशेष्य से पूर्व भी आते हैं और उसके बाद भी।
पूर्व में,
जैसे-
  • थोड़ा-सा जल लाओ।
  • एक मीटर कपड़ा ले आना।

बाद में,
जैसे-
  • यह रास्ता लंबा है।
  • खीरा कड़वा है।

विशेषण के भेद
विशेषण के चार भेद हैं-
  1. गुणवाचक।
  2. परिमाणवाचक।
  3. संख्यावाचक।
  4. संकेतवाचक अथवा सार्वनामिक।
गुणवाचक विशेषण
जिन विशेषण शब्दों से संज्ञा  अथवा सर्वनाम शब्दों के गुण-दोष का बोध हो वे गुणवाचक विशेषण कहलाते हैं। जैसे-
क्रम विशेषण संज्ञा अथवा सर्वनाम
1- भाव -अच्छा, बुरा, कायर, वीर, डरपोक आदि।
2- रंग - लाल, हरा, पीला, सफ़ेद, काला, चमकीला, फीका आदि।
3- दशा - पतला, मोटा, सूखा, गाढ़ा, पिघला, भारी, गीला, ग़रीब, अमीर, रोगी, स्वस्थ, पालतू आदि।
4- आकार -गोल, सुडौल, नुकीला, समान, पोला आदि।
5- समय/काल - अगला, पिछला, दोपहर, संध्या, सवेरा आदि।
6- स्थान - भीतरी, बाहरी, पंजाबी, जापानी, पुराना, ताजा, आगामी आदि।
7- गुण -भला, बुरा, सुन्दर, मीठा, खट्टा, दानी,सच, झूठ, सीधा आदि।
8- दिशा - उत्तरी, दक्षिणी, पूर्वी, पश्चिमी आदि।

परिमाणवाचक विशेषण
जिन विशेषण शब्दों से संज्ञा या सर्वनाम की मात्रा अथवा नाप-तोल का ज्ञान हो वे परिमाणवाचक विशेषण कहलाते हैं।
परिमाणवाचक विशेषण के दो उपभेद है-
निश्चित परिमाणवाचक विशेषण- जिन विशेषण शब्दों से वस्तु की निश्चित मात्रा का ज्ञान हो।
 जैसे-

  •  मेरे सूट में साढ़े तीन मीटर कपड़ा लगेगा। 
  •  दो किलो चीनी ले आओ। 
  •  तीन लिटर दूध गरम करो।


अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण- जिन विशेषण शब्दों से वस्तु की अनिश्चित मात्रा का ज्ञान हो।
जैसे-
  • थोड़ी-सी नमकीन वस्तु ले आओ। 
  • कुछ आम दे दो। 
  • थोड़ा-सा दूध गरम कर दो।


संख्यावाचक विशेषण
जिन विशेषण शब्दों से संज्ञा या सर्वनाम की संख्या का बोध हो वे संख्यावाचक विशेषण कहलाते हैं।
जैसे - एक, दो, द्वितीय, दुगुना, चौगुना, पाँचों आदि।

संख्यावाचक विशेषण के दो उपभेद हैं-
निश्चित संख्यावाचक विशेषण
जिन विशेषण शब्दों से निश्चित संख्या का बोध हो।
जैसे - दो पुस्तकें मेरे लिए ले आना।

निश्चित संख्यावाचक के निम्नलिखित चार भेद हैं -

  1.  गणवाचक - जिन शब्दों के द्वारा गिनती का बोध हो। 
जैसे-
  •  एक लड़का स्कूल जा रहा है।
  • पच्चीस रुपये दीजिए।
  • कल मेरे यहाँ दो मित्र आएँगे।
  •  चार आम लाओ।

 2. क्रमवाचक - जिन शब्दों के द्वारा संख्या के क्रम का बोध हो।
जैसे-
  •  पहला लड़का यहाँ आए।
  •  दूसरा लड़का वहाँ बैठे।
  • राम कक्षा में प्रथम रहा।
  •  श्याम द्वितीय श्रेणी में पास हुआ है।

3. आवृत्तिवाचक - जिन शब्दों के द्वारा केवल आवृत्ति का बोध हो।
जैसे-
  •  मोहन तुमसे चौगुना काम करता है।
  •  गोपाल तुमसे दुगुना मोटा है।

4. समुदायवाचक - जिन शब्दों के द्वारा केवल सामूहिक संख्या का बोध हो।
जैसे-
  • तुम तीनों को जाना पड़ेगा।
  •  यहाँ से चारों चले जाओ।

अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण
जिन विशेषण शब्दों से निश्चित संख्या का बोध न हो।

जैसे-कुछ बच्चे पार्क में खेल रहे हैं।

संकेतवाचक विशेषण
जो सर्वनाम संकेत द्वारा संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बतलाते हैं वे संकेतवाचक विशेषण कहलाते हैं।

विशेष - क्योंकि संकेतवाचक विशेषण सर्वनाम शब्दों से बनते हैं, अतः ये सार्वनामिक विशेषण कहलाते हैं। इन्हें निर्देशक भी कहते हैं।

परिमाणवाचक और संख्यावाचक विशेषण में अंतर
जिन वस्तुओं की नाप-तोल की जा सके उनके वाचक शब्द परिमाणवाचक विशेषण कहलाते हैं। जैसे-‘कुछ दूध लाओ’। इसमें ‘कुछ’ शब्द तोल के लिए आया है। इसलिए यह परिमाणवाचक विशेषण है।
जिन वस्तुओं की गिनती की जा सके उनके वाचक शब्द संख्यावाचक विशेषण कहलाते हैं। जैसे-कुछ बच्चे इधर आओ। यहाँ पर ‘कुछ’ बच्चों की गिनती के लिए आया है। इसलिए यह संख्यावाचक विशेषण है। परिमाणवाचक विशेषणों के बाद द्रव्य अथवा पदार्थवाचक संज्ञाएँ आएँगी जबकि संख्यावाचक विशेषणों के बाद जातिवाचक संज्ञाएँ आती हैं।

सर्वनाम और सार्वनामिक विशेषण में अंतर
जिस शब्द का प्रयोग संज्ञा शब्द के स्थान पर हो उसे सर्वनाम कहते हैं। जैसे-वह मुंबई गया। इस वाक्य में वह सर्वनाम है। जिस शब्द का प्रयोग संज्ञा से पूर्व अथवा बाद में विशेषण के रूप में किया गया हो उसे सार्वनामिक विशेषण कहते हैं। जैसे-वह रथ आ रहा है। इसमें वह शब्द रथ का विशेषण है। अतः यह सार्वनामिक विशेषण है।


Saturday 4 March 2017

बाल विकास अभ्यास 1

1  आधुनिक समय में मनोविज्ञान को ---------------- का विज्ञान माना गया है
A  अनुभूति    
B  मानव प्रक्रिया  
C   व्यवहार  
D.  इनमे से कोई नहीं ।

2    मनोविज्ञान की उत्पत्ति किस शास्त्र से हुई है ।
A    अध्यात्मशास्त्र 
B  जीवशास्त्र 
C   मानवशास्त्र 
दर्शनशास्त्र

3    प्रथम मनोवैज्ञानिक प्रयोगशाला की स्थापना कहा हुई थी ?

A   बर्लिन 
लिपजिंग 
C  अमेरिका  
स्टैनफोर्ड में

4   संकटकालीन प्लग किस ग्रन्थि को कहा जाता है ?
A वक्रग्रन्थि   
B   गलग्रन्थि  
पीयूशग्रन्थि 
D   उपगल ग्रन्थि


निम्न में से थामसन द्वारा प्रतिपादित बुद्धि का  सिद्धान्त कोनसा है?
A “ क” व् “ख” का सिद्धान्त 
B आश्चर्यजनक सिद्धान्त 
मात्रा सिद्धान्त 
D   प्रतिदर्श सिद्धान्त


6   बुद्धि का रेत का सिद्धान्त किस अन्य सिद्धान्त को भी कहा जाता है
एकतत्व सिद्धान्त 
समुहकरक सिद्धान्त 
C   तरल व् ठोस सिद्धान्त 
D   मात्रासिद्धान्त


7   बुद्धि लब्धि मापन के जन्मदाता है
A   स्टर्न 
B    बिने 
C    टरमेंन 
इनमे से कोई नहीं

8   अंतर्मुखी बालक की मुख्य विशेषता होती है

वह कक्षा में सभी से मिलजुलकर रहता है  B. वह पाठ्य सहगामी क्रियाओं में निरंतर भाग लेता है
C   एकांत में रहकर कम बातचीत करने वाला होता है उक्तसभी

9   छोटा कद शारीर भारी और गोल. खाना पीना सोना खुशमिज़ाज़ किस व्यक्तित्व के लक्षण है

A   पिकनिक या स्थूलकाय 
एस्थेनिक या क्षीणकाय 
एथलेटिक या सुन्डोलकाय 
D डिस्प्लास्टिक या मिश्रितकाय

10   जीवन का बसंत काल किस किस अवस्था को कहा जाता है
A   शैशवावस्था को 
B  बाल्यावस्था को 
C   किशोरावस्था को 
प्रौढ़ावस्था को

11   किस प्रकार की बुद्धि वाले व्यक्ति का व्यक्तित्व अंतरमुखी होता है
A      मूर्त बुद्धि वाले का। 
अमूर्त बुद्धि वाले का 
C  A और B दोनों का 
इनमे से कोई नहीं

12   एक बालक को 45 बालक तथा 40 बालिका को जोड़ने का प्रश्न दिया जाता है किंतु वह 40 का गुणा 54 में कर देता है उस बालक में किस प्रकार की अक्षमता दिखती है
डिस्लेक्सिया 
B   डिसग्रफिया  
C   डिस्केलकुलिया 
डिस्प्रेक्सिया

13  मानसिक क्रियाए किस अवस्था में चरमोत्कर्ष पर होती है
बाल्यावस्था में 
B किशोरावस्था में 
सैस्वावस्था में 
D   प्रौढ़ावस्था में

14 बच्चो को विभिन्न प्रकार के अनुभव प्राप्त होते है जब वे
स्वयं कार्य करते है 
B   बाहर घूमने जाते है 
परीक्षा देते है 
पुरस्कार प्राप्त करते

15  अनुकरण एवं दोहराने की तीव्र प्रव्रत्ति निम्न में से किस अवस्था की और संकेत करती है
A   बाल्यावस्था  
किशोरावस्था  
प्रौढ़ावस्था  
D इनमे से कोई नहीं

16  पियाजे के अनुसार कोई बच्चा किस अवस्था में अपने परिवेश की वस्तुओं पहचानने एवं विभेद करने लगता है
इंद्रियजनित अवस्था  
पूर्व संक्रियात्मतक अवस्था  
मूर्त संक्रियात्मक अवस्था 
अमूर्त संक्रियात्मक अवस्था

17  आपकी कक्षा का एक शिक्षार्थी गुटखा या सुपारी खाकर कक्षा में आता है आप निम्न में से किसे उसकी इस हरकत का जिम्मेदार मानेंगे
A उसकी अन्तः इच्छा 
उसका सामाजिक वातावरण 
उसका आपके प्रति द्वेष 
कक्षा में स्वयं को सबसे अलग दिखाने का उसका तरीका

18  सृजनात्मक के विकास में सहायक नहीं है
खेल  
B   भाषण  
हास्य क्रियाए 
D  निर्माण संबंधी क्रियाए

19 आपकी कक्षा का एक बालक सप्ताह में दो तीन बार भाग जाता है वह बालक है
A   विकलांग बालक 
मंदबुद्धि बालक 
पिछड़ा बालक 
सामान्य बालक

20  पाठ्यक्रम से शिक्षक को क्या लाभ होते है
शिक्षण सरल हो जाता है 
शिक्षक को कक्षा में क्या पडाना है उसका ज्ञान हो जाता है 
C शिक्षण रोचक हो जाता है 
शिक्षक को विद्यालय में क्या कार्य करने चाहिए उसका ज्ञान हो जाता है

21  बोलने के दोष से सम्बंधित नहीं है
आवाज की समस्या  
हकलाना व् तुतलाना 
अशुद्ध उच्चारण 
तेज बोलने वाले

22  निम्न में से क्या किसी बच्चे के भाषा विकास का प्राम्भिक रूप नहीं है
रोना 
B आकलन  
हाव भाव 
बलबलाना

23 एक बालक जिसकी आयु 15 वर्ष है यदि उसकी मानसिक आयु 18 वर्ष हो तो उसकी बुद्धि लब्धि होगी
A  100  
B  110  
C   120 
D  140

24 कितने वर्ष का बालक पूछने पर अपना नाम बता देता है
A दो वर्ष  
B   तीन वर्ष
 चार वर्ष का बालक 
D डेढ़ वर्ष का बालक

25  किस प्रकार से स्थिरता वाले व्यक्ति का उचित व्यक्तित्व होता है
A   सांवेगिक रूप से मजबूत  
शारीरिक रूप से मजबूत 
मानसिक रूप से मजबूत 
D ये सभी

26  बाल विकास का सम्बन्ध किससे है
A छात्र से 
B छात्र और शिक्षक से 
परिवार और समाज से 
D उक्त सभी से

Sunday 29 January 2017

हिंदी भाषा और विकास

  • संस्कृत , पाली , प्राकृत , अपभ्रंश में  होते हुए हिंदी का विकास हुआ है .
  • हिंदी भाषा का उदभव अपभ्रंश के शौरसेनी , अर्धमागधी और मागधी रूपों से हुआ है .
  •  इतिहास में सबसे पहले नाम आता है पाली का जिसका समय 500ई .पू. से पहली शताब्दी माना गया है . 
  • इसके पश्चात् पहली शताब्दी से पांचवी शताब्दी तक का समय प्राकृत का रहा 
  • प्राकृतों से ही विभिन्न क्षेत्रीय अपभ्रंशो का विकास हुआ मोटे तौर पर अपभ्रंश का समय 500 ई. से 1000  ई तक माना गया है . 
  • आधुनिक आर्यभाषाओं का जन्म अपभ्रंश के विभिन्न क्षेत्रीय रूपों से हुआ है जो इस प्रकार है - 
  1. शौरसेनी - पश्चिमी हिंदी , राजस्थानी , पहाड़ी, गुजरती 
  2. पैशाची - लहंदा  , पंजाबी 
  3. ब्राचद - सिन्धी 
  4. महाराष्ट्री - मराठी 
  5. मागधी - बिहारी , बांग्ला , उड़िया, असमिया 
  6. अर्धमागधी - पूर्वी हिंदी .

Thursday 19 January 2017

हिंदी वर्ण

  • भाषा की सबसे छोटी इकाई ध्वनि कहलाती है . 
  • उच्चारण प्रक्रिया के आधार पर हिंदी की धव्नियों को दो भागों में बांटा गया है . १. स्वर, २. व्यंजन 
  • स्वर - वे ध्वनियाँ जिनके उच्चारण में कोई अवरोध न हो स्वर कहलातें है . 
  • हिंदी में मुख्या 11 स्वर माने गए है . जिन्हें दो भागों में बांटा गया है . हस्व व दीर्घ 
  • हस्व स्वर - अ , इ, उ , ऋ . कुल 4 
  • दीर्घ स्वर - आ, ई, ऊ , ए , ऐ , ओ , औ कुल 7 
  • प्लुत स्वर - S 
  • उच्चारण स्थान के आधार पर स्वरों का वर्गीकरण 
  अ, आ- कंठ ( गले से ) 
  इ, ई - तालव्य ( ऊपर के दन्त के ऊपर का भाग तालू से ) 
  ऋ - मूर्धन्य ( तालू से पीछे वाला भाग ) 
  उ, ऊ - ओष्ठ्य 
  ए, ऐ - कंठ तालव्य 
  ओ, औ- कंठ ओश्त्य
  अं - नासिक्य 
सभी स्वरों को एक बार उच्चारण करेंगे तो स्वयम उच्चारण स्थान जान सकेंगे . 
  • व्यंजन - वे वर्ण को स्वरों की सहायता से उच्चारित होते है . 
  • हिंदी भाषा में कुल वयंजन 33 + 2 ( उत्क्शिप्त) व्यंजन माने गएँ है . 
  • व्यंजनों को उच्चारण स्थान के आधार पर तिन भागों में बांटा गया है - 
  • 1. स्पर्श व्यंजन - 
  •        क वर्ग - क ख, ग , घ, ड ( कंठ्य )
  •        च वर्ग - च, छ, ज, झ, ज  ( तालु ) 
  •         ट वर्ग - ट , ठ, ड, ढ, ण  (मूर्धन्य ) 
  •        त वर्ग - त , थ, द, ध, न  (वर्त्स्य )
  •        प वर्ग - प , फ, ब, भ, म ( दंतोष्ठय )  ( कुल 25 ) 
  • 2. अन्तस्थ - य ( तालु )  , र (वर्त्स्य ) , ल ,व् (दन्त ओष्ठ्य ),  ( कुल 4) 
  • 3. उष्म - श, स (वर्त्स्य ), ष ( तालु )  , ह.   ( कुल 4 ) 

Thursday 10 November 2016

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