प्रतिभाशाली बालक
- प्रतिभावान/प्रतिभाशाली /उच्च अधिगम क्षमता /अधिसामान्य Gifted /Super Normal आदि
- बौद्धिक क्षमता सर्वोच्च श्रेणी की होती है .यह बुद्धि की सामान्य वितरण श्रेणी वक्र में धनात्मक छोर पर स्थित होता है .
- स्टेनफोर्ड -बिने परिक्षण में इनकी IQ -135 से भी अधिक पाई जाती है .
- ये बालक एक देश व समाज के प्रत्येक क्षेत्र में पाए जाते है . प्रत्येक जाती ,धर्म, आर्थिक, स्तर ,ग्रामीण क्षेत्र या शहरी क्षेत्र में पाए जाते है.
- ये लड़के या लडकिय दोनो में है.
- ये प्रत्येक सामाजिक -आर्थिक स्तर में है.
- वंशानुक्रम और वातावरण का भी प्रतिभा के विकास में योगदान है.
- शरिसिक लक्षण और स्वास्थ्य से भी प्रतिभाशाली का सम्बन्ध पाया जाता है .
- विद्यालय की नियमितता,विद्यालय में उपलब्धि,पाठ्यक्रम में अतिरिक्त क्रियाओ में रूचि ,खेल सम्बन्धी क्रियाये ,व्यक्तिगत और सामाजिक चरित्र-लक्षण .
- प्रतिभाशाली बालको पर विश्वस्तरीय अध्ययन सन 1925 से 1950 के बीच हुए. इन पर पुस्तक "The |Gifted Child Grow Up" के लेखक टरमन और ओडोन है.
- कभी-कभी प्रतिभाशाली बालको का समायोजन एक समस्या बन जाता है .सामाजिक ,विद्यालयीन,संवेगात्मक आदि में तब समस्या आती है जब प्रतिभाशाली बालक को इच्छानुसार स्वतंत्रता या रूचि-विकास का अवसर नहीं मिलता है.
- टरमन तथा लेकाक ने अपने अध्ययन में यद्यपि यह पाया है की प्रतिभाशाली बालको का समायोजन सामान्य बालको से अच्छा होता है .
- "जब एक प्रतिभाशाली बालक सवेदनशील या नर्वस होता है तब उसकी समायोजन सम्बन्धी कठिनाईया स्वतः बढ़ जाती है " होलिंग्वार्थ
- प्रतिभाशाली बालक /बालिकाओ पर परिजनों/शिक्षको द्वारा जयादती नहीं की जानी चाहिए .उनकी जिग्यासाओ का समाधान करना चाहिए.
- हलिंग्वार्थ ने अपने प्रयोग में पाया की 130 से 150 आईक्यू वाले प्रतिभाशाली बालक शारीरिक रूप से स्वस्थ ,सुन्दर,संतुलित व नेत्रत्वक्षमता वाले होते है . आत्मविश्वास भी अधिक होता है .
- स्किनर एवं हैरिमेन ने अपने प्रयोग में पाया की प्रतिभाशाली बालकों में ये विशेषताए होती है -विशाल शब्दकोष ,मानसिक प्रक्रिया की तीव्रता, दैनिक कार्यो में विभिन्नता , सामान्य ज्ञान की श्रेष्टता ,अध्ययन में अद्वितीय सफलता, आश्चर्यजनक अंतर्दष्टि,पाठ्य-विषयों में अत्यधिक रूचि अथवा अरुचि,विद्यालय के कार्यों में बहुधा उदासीनता.
- प्रतिभाशाली बालकों की शिक्षा -व्यवस्था : हैविगहर्स्ट के अनुसार - कक्षा उन्नत,विशेष पाठ्यक्रम ,वक्तिगत ध्यान , संस्कृति शिक्षा ,सामान्य छात्रों के साथ शिक्षा , विशेष अध्ययन,सहभागी क्रियाओं से जोड़ना , सामाजिक अनुभवों से जोड़ना , नेतृत्व का प्रशिक्षण,व्यक्तित्व विकास .
- पहचान/टेस्टिंग: बुद्धि -परीक्षण , उपलब्धि परिक्षण,अभिरुचि -परीक्षण , सम्बंधित व्यक्तियों से सूचनाये जुटाना , तथा डी-हार्न एंड कफ की सूचि का उपयोग.
- डी-हार्न एवं कफ की सूचि : यह सूचि प्रतिभावान बालकों के गुणों की सूचि होती है इसे शिक्षक प्रयोग करता है .
सृजनात्मक बालक
- सृजनात्मकता का अर्थ है -सृजन करना,बनाना,उत्पन्न करना,आदि .
- जेम्स ड्रेवर -" अनिवार्यतः किसी नई वस्तु का सृजन करना ही सृजनात्मकता है ".
- गिल्फोर्ड के अनुसार सृजनात्मकता के तत्व निम्नलिखित है -
- तात्कालिक /वर्तमान से हटकर दूरदर्शी चिंतन का मूर्त रूप देना .
- समस्या की पुनर्व्याख्या .
- असामान्य किन्तु प्रासंगिक विचारों से सामंजस्य .
- अन्य के विचारो में सार्थक /रचनात्मक परिवर्तन.
- सृजनात्मक बालक की पहचान -
- मौलिकता के दर्शन होते है .
- स्वतंत्र निर्णय की क्षमता .
- परिहास प्रिय.
- उत्सुकता
- संवेदनशीलता
- स्वायत्ता .
- सृजनात्मकता परिक्षण -
- चित्रपुर्ती करना
- पी आई टी -प्रोडक्ट इम्प्रूवमेंट टास्क
- वृत्त-परिक्षण -सर्किल टेस्ट -वृत्त में चित्र बनाना .
- अनुपयोगी वस्तुओ जैसे-टीन के डिब्बे,बोतले आदि से संस्थापन.
- सृजनात्मकता विकास-
- शिक्षक को सृजनात्मकता परिक्षण करना चाहिए , और सृजन -क्षमता वाले बालकों को सूचीबद्ध करना चाहिए.
- रचनात्मक गतिविधिया आयोजित करनी चाहिए.
- मौलिक प्रदर्शन के अवसर देने चाहिए .
- बुलेटिन बोर्ड सजाना,कक्षा-पत्रिका,कार्नर आदि तैयार करवाना.
2 comments:
Inki I kitna hora h ?
135 होती है
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